बट सावित्री पूजा 2025: तिथि, महत्व, पूजा विधि और कथा
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Vat Savitri Vrat 2025 |
बट सावित्री पूजा 2025 कब है?
Vat Savitri Vrat 2025: 26 मई, सोमवार को मनाई जाएगी। यह पूजा ज्येष्ठ मास की अमावस्या (ज्येष्ठ अमावस्या) के दिन की जाती है, जिसे हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है।
बट सावित्री पूजा तिथि और शुभ मुहूर्त 2025
• बट सावित्री पूजा तिथि:
26 मई 2025 (सोमवार)
• अमावस्या तिथि प्रारंभ:
25 मई 2025, रात 11:22 बजे से
• अमावस्या तिथि समाप्त:
26 मई 2025, रात 09:24 बजे तक
• पूजा का शुभ समय:
सुबह 05:30 AM से 10:30 AM तक
Vat Savitri Vrat 2025 हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह पूजा सावित्री और सत्यवान की कथा पर आधारित है, जिसमें सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस लाने के लिए तपस्या की थी। इस दिन महिलाएं बरगद (बट) के वृक्ष की पूजा करके अपने पति की लंबी आयु और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।
• पति की लंबी आयु के लिए
• वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए
• सावित्री-सत्यवान की कथा से प्रेरणा लेने के लिए
बट सावित्री पूजा विधि (विस्तार से)
• सुबह स्नान करके शुद्ध होना:
• सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
• बरगद (बट वृक्ष) के पास जाकर उसकी जड़ों में जल, दूध और फूल चढ़ाएं।
• वृक्ष के चारों ओर धागा लपेटकर सात बार परिक्रमा करें।
• सावित्री-सत्यवान की कथा सुनना:
• पूजा के बाद सावित्री-सत्यवान की कथा सुनें या पढ़ें।
• कुछ महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं, जबकि अन्य फलाहार करती हैं।
• गरीबों को भोजन, वस्त्र या अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करें।
एक बार राजा अश्वपति की पुत्री सावित्री ने सत्यवान से विवाह किया। ऋषि नारद ने बताया कि सत्यवान की आयु कम है और वह शादी के एक साल बाद मर जाएगा। फिर भी सावित्री ने सत्यवान से विवाह किया। जब यमराज सत्यवान के प्राण लेने आए, तो सावित्री ने उनका पीछा किया और अपनी निष्ठा से प्रभावित करके सत्यवान के प्राण वापस ले आई। इसी कथा के कारण यह व्रत मनाया जाता है।
Q1. क्या कुंवारी लड़कियां बट सावित्री पूजा कर सकती हैं?
Q2. बट सावित्री पूजा में कौन-कौन सी चीजें चढ़ाई जाती हैं?
उत्तर: फूल, फल, मिठाई, जल, दूध, धूप, दीप और लाल धागा चढ़ाया जाता है।
Q3. अगर बरगद का पेड़ न मिले तो क्या करें?
उत्तर: घर में बरगद की पूजा करने के लिए एक छोटा पौधा रखकर उसकी पूजा की जा सकती है।
Q4. क्या पुरुष भी बट सावित्री पूजा कर सकते हैं?
उत्तर: हां, पुरुष भी अपने परिवार की सुख-शांति के लिए यह पूजा कर सकते हैं।
निष्कर्ष
बट सावित्री पूजा हिंदू धर्म का एक पावन पर्व है, जो पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन के Vat Savitri Vrat 2025 में यह पूजा 26 मई को है। इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करके सावित्री-सत्यवान की कथा सुनती हैं। यदि आप भी यह पूजा करना चाहते हैं, तो उपरोक्त विधि का पालन करें।
शुभ बट सावित्री पूजा!
बट सावित्री पूजा का महत्व
Vat Savitri Vrat 2025 हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह पूजा सावित्री और सत्यवान की कथा पर आधारित है, जिसमें सावित्री ने अपने पति सत्यवान को यमराज से वापस लाने के लिए तपस्या की थी। इस दिन महिलाएं बरगद (बट) के वृक्ष की पूजा करके अपने पति की लंबी आयु और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।
क्यों मनाई जाती है बट सावित्री पूजा?
• पति की लंबी आयु के लिए
• वैवाहिक जीवन में सुख-शांति के लिए
• सावित्री-सत्यवान की कथा से प्रेरणा लेने के लिए
बट सावित्री पूजा विधि (विस्तार से)
• सुबह स्नान करके शुद्ध होना:
• सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
• बरगद के पेड़ की पूजा:
• बरगद (बट वृक्ष) के पास जाकर उसकी जड़ों में जल, दूध और फूल चढ़ाएं।
• वृक्ष के चारों ओर धागा लपेटकर सात बार परिक्रमा करें।
• सावित्री-सत्यवान की कथा सुनना:
• पूजा के बाद सावित्री-सत्यवान की कथा सुनें या पढ़ें।
• व्रत का पालन:
• कुछ महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं, जबकि अन्य फलाहार करती हैं।
• दान-पुण्य:
• गरीबों को भोजन, वस्त्र या अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करें।
बट सावित्री व्रत कथा (संक्षिप्त रूप में)
एक बार राजा अश्वपति की पुत्री सावित्री ने सत्यवान से विवाह किया। ऋषि नारद ने बताया कि सत्यवान की आयु कम है और वह शादी के एक साल बाद मर जाएगा। फिर भी सावित्री ने सत्यवान से विवाह किया। जब यमराज सत्यवान के प्राण लेने आए, तो सावित्री ने उनका पीछा किया और अपनी निष्ठा से प्रभावित करके सत्यवान के प्राण वापस ले आई। इसी कथा के कारण यह व्रत मनाया जाता है।
FAQs: बट सावित्री पूजा के बारे में सामान्य प्रश्न
Q1. क्या कुंवारी लड़कियां बट सावित्री पूजा कर सकती हैं?
उत्तर: हां, कुंवारी लड़कियां भी अच्छे वर की प्राप्ति के लिए यह पूजा कर सकती हैं।
Q2. बट सावित्री पूजा में कौन-कौन सी चीजें चढ़ाई जाती हैं?
उत्तर: फूल, फल, मिठाई, जल, दूध, धूप, दीप और लाल धागा चढ़ाया जाता है।
Q3. अगर बरगद का पेड़ न मिले तो क्या करें?
उत्तर: घर में बरगद की पूजा करने के लिए एक छोटा पौधा रखकर उसकी पूजा की जा सकती है।
Q4. क्या पुरुष भी बट सावित्री पूजा कर सकते हैं?
उत्तर: हां, पुरुष भी अपने परिवार की सुख-शांति के लिए यह पूजा कर सकते हैं।
निष्कर्ष
बट सावित्री पूजा हिंदू धर्म का एक पावन पर्व है, जो पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन के Vat Savitri Vrat 2025 में यह पूजा 26 मई को है। इस दिन महिलाएं बरगद के पेड़ की पूजा करके सावित्री-सत्यवान की कथा सुनती हैं। यदि आप भी यह पूजा करना चाहते हैं, तो उपरोक्त विधि का पालन करें।
शुभ बट सावित्री पूजा!
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